New Moral Story
https://youtu.be/vCcoFo4bOV8?si=TEgZ1i8z3SvtRcB0
एक नदी के किनारे छोटा सा गांव था। इस गांव में सभी लोग आपस में मिलजुल कर रहते थे। इसी गांव में सतीश नाम का एक व्यक्ति रहता था। सतीश बहुत मेहनती और धार्मिक व्यक्ति था। वह पूजा पाठ किए बिना खाना नहीं खाता और अपनी फ़सल का कुछ हिस्सा गरीबों को दान में दिया करता था। वह रोज़ नदी में मछलियों के खाने के लिए आते की गोलियां डालता था। इसी गांव में बालू नाम का एक शरारती आदमी भी रहता था। वह कोई कम नहीं करता था उसे हर समय दूसरों को सताने में परेशान करने में मजा आता था। उसकी माँ उसे बहुत समझाती लल्ला क्यों पूरा दिन दूसरों को तंग करता है। कोई काम धाम क्यों नहीं करता। माँ हमारे घर में किस चीज़ की कमी है। सब कुछ है तो सही तो मैं काम क्यों करूं? अरे लल्ला इंसान का जन्म लिया है तो कोई काम तो करना चाहिए ना या पूरा दिन खाली बैठकर तो दूसरों को तंग करता है।यह अच्छी बात नहीं है। माँ ये तो तुम रोज़ कहती हो, बेटा देख तू सुधर जा बात को समझ ऐसे तो तू बिल्कुल निठल्ला हो जाएगा।
माँ मुझसे नहीं होता काम दाम मेरा जो मन करेगा मैं वही करूंगा। आज तुझे कोई ना कोई कम करना पड़ेगा। वरना मैं तुझे शाम का खाना नहीं दूंगी। सोच ले आज से तेरा दाना पानी उठ गया। अरे मेरी प्यारी मां यह क्या कह रही हो। माँ बाहर की ओर इशारा करती है। और बालू बड़ बड़ करता हुआ बाहर निकल जाता है। बालू गांव में कई लोगों के पास कम मांगने जाता है पर सभी को बालू की आदत पता थी। इसलिए कोई उसे कम नहीं देता। सेठ जी कोई काम हो तो बताइए हरे लल्ला काहे काम मांगे हैं तबीयत तो ठीक है।साहूकार जी बोलिए तो आपका खाता ठीक कर दूं। ना बेटा रहने दो यह काम तुम्हारा नहीं मुंशी जी का है।तुम्हारे तो अभी खेलने खाने के दिन है काम वाम रहने दो। अच्छा हुआ चला गया यह काम से ज़्यादा परेशानी खड़ी कर देता। एकदम निठल्ला है, वहीं रास्ते में एक बड़ा सा गड्ढा था। पर बालू तो अपनी मस्ती में आसमान की ओर देखते हुए जा रहा था। गड्ढा ना देख पाने के कारण वह उसमें गिर गया। उस समय कुछ बच्चे वहां से जा रहे थे।
अरे बालू काका तो गड्ढे में गिर गए सारे बच्चे ज़ोर से हंसने लगते हैं। क्या काका उस दिन हमें बड़ा सताए थे।मेरी तो टॉफी भी ले ली थी इन्होंने मुझे बड़े वाले पेड़ पर चढ़ा कर भाग गए थे। पता है नीचे उतरने के चक्कर में मैं गिर गया था सारे बच्चे फिर हंसने लगते हैं। एक लड़की को बालू पर तरस आ जाता है। तुम सब भी न बालू काका उठ भी नहीं पा रहे है। चलो इनकी मदद करो दो बच्चे बालू को उठाने का प्रयास करते हैं पर बालू उठकर फिर बैठ जाता है। लो काका पानी पी लो पर बालू पानी पीने के लिया मना कर देता है। दो बच्चे बालू का पैर दबाते हैं तो उसे अच्छा लगता है। और कुछ देर में वह ठीक होकर खड़ा हो जाता है।बालू को खड़ा हुआ देखकर बच्चे बोले काका का पैर सही हो गया। बालों नदी के पास आ कर बैठ जाता है।और अपने हाथ मुंह धोकर वही किनारे पर बैठकर यह सोचने लगता है की घर जाकर माँ को क्या कहेगा।तभी वह देखता है की सतीश मछलियों के लिए आते की गोलियां लाया है। सतीश के चेहरे पर इतना सुकून और शांति देखकर उसे जलन होती है। और वह नदी में खड़े बतखों पर छोटे छोटे कंकर फ़ेंकने लगता है।
सतीश बालू से बोलता है, इन बतखों पर कंकर मत मारो। बालू सतीश की बात नहीं सुनता। सतीश आते की गोलियां डालने लग जाता है। थोड़ी देर बाद सतीश को पानी में कुछ छोटी छोटी मछलियां तड़पती हुई दिखाई दी। मछलियां जाल में फांसी हुई थी और जाल को धीरे धीरे कोई खींच रहा था। सतीश उसी दिशा की ओर देखने लगा वह देखकर हैरान हो गया की वह जाल बालू ने डाला है। और मछलियों को तड़पता हुआ देखकर मुस्कुरा रहा था। यह देखकर सतीश को गुस्सा आ जाता है और वह बोलता है तुम जाल को पानी में ही छोड़ दो बेचारी मछलियां तड़प रही है। अगर पानी से बाहर आ गई तो मार जाएंगी। यह सुनकर बालू ज़ोर ज़ोर से हंसता है और जाल को पानी से खींच देता है। उसमे फँसी हुई मछलियां पानी से बाहर आते ही मर जाती हैं। तुम ऐसा कैसे कर सकते हो? चल वे भाषण मत दे, आया बड़ा. बालू की इस हरकत पर सतीश को गुस्सा आ जाता है। तुम बिल्कुल बेशर्म हो गए है और गुस्से में सतीश बालू के कॉलर को पकड़ लेता है।
दोनों में थोड़ी हाथापाई होने लगी तभी बालू संतुलन बिगड़ने से गिर गया। और उसका सर पास पड़े एक बड़े पत्थर से टकराया और उसे हल्की चोट लग गई और खून बहाने लगा। चोट के कारण बालू को बहुत गुस्सा आया और उसने एक पत्थर उठाकर सतीश को मारना चाहा पर तब तक वह वहां से जा चुका था।रात होने पर बालू चोरी छिपे घर में घुसता है। वह सतीश को अपनी माँ से बात करते हुए देखकर समझ जाता है की उसने माँ को नदी वाली बात बता दी है। अगले दिन सुबह बालू की नींद देर से खुलती है। चोट के कारण सर में दर्द था सर दबाते हुई नजर घड़ी पर पड़ी। अरे 10 बज गए आज माँ ने मुझे उठाया क्यों नहीं। बालू माँ से सामने जाकर खडा हो जाता है मां ओ मेरी प्यारी मां। पर मां ऐसी जताती है जैसे उसने उसे देखा ही नहीं। क्या मां अभी तक नाराज़ हो? वह सतीश तो पागल है। पता नहीं उसने तुझे क्या क्या कह दिया मेरे बारे में। पर माँ अभी भी
जैसे उसने ना बालों को देखा ना उसकी आवाज़ सुनी बालू झल्लाकर main की ओर आगे बढ़ता है पर main उससे टकराते हुए ऐसे निकल जाती है जैसे कुछ हुआ ही नहीं बालू jhalnata हुआ बाहर चला जाता है वह एक चाय की दुकान पर पहुंचता है बालों अपने गुस्से को काबू करते हुए वहां से निकल जाता है पर जहां भी जाता कोई उसकी ओर नहीं देखता ना ही किसी को उसकी आवाज़ सुनाई देती बालों परेशान होकर एक पेड़ के नीचे बैठकर कुछ सोचने लगता है तभी उसे ख्याल आता है की कहीं कल सर पर चोट लगने से वह मार तो नहीं गया शायद इसलिए सब उसे ना देख का रहे हैं ना सन का रहे हैं यह ख्याल आते ही बालों की आंखें नाम हो जाती हैं और वह नदी की ओर चल देता है वह वह सतीश को नदी में आते की गोलियां डालते देखता है
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एक सरोवर के किनारे एक सरस पक्षी का जोड़ा अपने दो बच्चों के साथ रहता था दोनों अपने बच्चों का बारी बारी से ध्यान रखते the उनकी ज़िंदगी बहुत अच्छी तरह गुज़र रही थी एक दिन दोनों बच्चे अपनी main सरस के साथ पानी में टर रहे the उनमें हो लगी हुई थी दोनों बच्चे तैरते हुए main से आगे निकलना चाहते the main जानबूझकर पीछे रह जाती थी दोनों बच्चे आगे निकल गए और अपनी जीत की खुशी मनाने लगे उसी समय एक शिकारी ने उन पर हमला किया और तीनों को कैद कर लिया main सरस और बच्चे अपने बचाव के लिए कोशिश करने लगे लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ शिकारी तीनों को लेकर जाने लगा तब नर सरस बच्चों का पिता सबको सरस को पुरी तरह घायल करके एक गड्ढे में फ़ेंक दिया नर पारस पुरी तरह घायल होकर गड्ढे में थस गया उसकी आंखों के सामने उसकी दुनिया लूट गई और वो बेचारा पुरी तरह से लाचार हो गया शिकारी को तीन पक्षी मिल गए the इसलिए उसने घायल सरस की तरफ ध्यान नहीं दिया उसे इस बात का भी आभास था की नर सरस को ले जाना उसके लिए खतरनाक हो सकता है शिकारी दोनों बच्चों और मादा सरस को लेकर वहां से चला गया और नए सरस गड्ढे में पड़ा हुआ मदद की गुहार लगता रहा उसकी मदद करने कोई नहीं आया उसके अंदर उड़ने की भी शक्ति नहीं रह गई थी एक चल उड़ता हुआ गड्ढे के पास आकर बैठ गया और को ध्यान से देखने लगा और इस अड्डे में क्या कर रहे हो मछलियां पकड़ रहा हूं देख नहीं रहे हो शरीर की दुर्दशा हो गई है मेरी मदद का इंतज़ाम करो यह मेरा दम घुट रहा है तुम्हारी मदद ना बाबा ना तुम्हें निकालने के चक्कर में मैं भी अटक जाऊंगा मैं तो चला तुम यही भजन करो और पड़े रहो चील चला गया और सारा असहाय पड़ा रहा उसे अपनी पत्नी और बच्चों की बहुत याद आ रही थी वो सोच रहा था की अकेले कैसे जिएगा इसी beach एक तोता ए गया उसने सारास को देखा तो दया ए गई सारास भाई मैं तो छोटा पक्षी हूं मुझे दुख है की इस समय तुम्हारी कोई मदद नहीं कर पा रहा हूं मैंने भगवान से प्रार्थना की है तुम भी करो मैं हाथी की तलाश में जंगल में जा रहा हूं वह तुम्हारी मदद कर सकता है लेकिन सबसे बड़े भगवान है सारा ऊपर वाले को याद करने लगा और उसी समय भगवान ने उसकी पुकार सन ली तेज बरसात होने लगी आसपास का पानी तेजी के साथ गड्ढे में भरने लगा पानी भरने के साथ साथ सरस भी ऊपर आने लगा अंततः पूरा गड्ढा भर गया और सरस बाहर निकल आया दिन बीतने लगा सरस का ज़ख़्मी भरता गया और वह स्वस्थ हो गया लेकिन उसके main का ज़ख्म भर नहीं पाया वो चारों तरफ पागलों की तरह घूमता रहा उसे हर बच्चे ने अपना बच्चा नज़र आता था उसने एक दिन भालू के बच्चे को देखा तो समझ गया की उसे बहुत भूख लगी है उसने सरोवर से लाकर कुछ मछलियां बच्चे को खिलाई और बच्चा खेलने लगा भालू को यह बात बहुत पसंद आई भालू की दोस्ती सरस से हो गई एक दिन टूटे ने आकर सरस को बताया की उसने उसकी सरस और बच्चों को शिकारी के पिंजरे में कैद देखा है वो उसे वहां ले जा सकता है सरस के main में आशा के किरण फुट गई वो भालू को लेकर तोते की दिशा निर्देश पर चल पड़ा भालू सरस और तोता जब पिंजरे के पास पहुंचे तो मादा सरस और बच्चे आशा भारी नज़रों से उन्हें देखने लगे नरस भी उन्हें बचाने की सोचने लगा भालू आगे बढ़ा और उसने ताकत लगाकर तले को तोड़ दिया मद सरस और बच्चे बाहर ए गए शिकारी दौड़ा तो भालू उससे लाड गया इधर भालू के इशारे से सरस अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर वहां से रफूचक्कर हो गया भालू ने शिकारी को मार कर नीचे गिरा दिया और जंगल की तरफ भाग चला सरस अपनी पत्नी और बच्चों को पाकर full नहीं समा रहा था वो भालू और तोता के गुण गा रहा था एक सरोवर के किनारे एक सरस का जोड़ा राहत था उन दोनों न और मद सरस में बड़ा प्यार था की सरोवर के आसपास ही रहते the और सरोवर की मछलियां खाकर अपना जीवन बिता रहे the उनका एक मित्र नेवला पी था जो पास में ही रहता था एक बार मादा सरस ने दो अंडे दिए वो जब पानी में चली जाती तब नर सरस अंडों या बच्चों की रखवाने करता कुछ दिनों में अंडे में से बच्चे निकल आई एक सांप की नज़र उन बच्चों पर थी वो साफ मौके की तलाश में में रहता था और सरस के बच्चों को खाने की कोशिश करता राहत था सांप के सामने एक ही समस्या थी की नेमला सरस का दोस्त था और वही मुसीबत खड़ी कर सकता था एक दिन नेवला कहीं बाहर गया हुआ था सांप ने मौका देखा और अपने दिल से निकलकर सरस के घोसला के पास ए गया सांप को देखकर नसरस सटक हो गया सांप अकेले उसे सरस को डरने लगा सरस भी कहां पीछे हटे वाला था जब सांप उसकी तरफ वार करना चाहता तब वो बचते हुए उसके fan पर चोंच मार देता सांप पीछे चला जाता सांप का हर प्रयास विफल हो रहा था सरस हर कीमत पर अपने बच्चों की रक्षा कर रहा था सरस ने अपनी सहायता के लिए नेवले को पुकार लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ क्योंकि नेवला आसपास कहीं नहीं था सरस ने पुनः प्रयास किया निर्मला इसी beach एक नागिन ए गई और उसने माता पारस पर आक्रमण कर दिया उधर नर सरस नाग से मुकाबला कर रहा था और इधर नागिन से मादा सरस का मुकाबला शुरू हो गया पेड़ पर बैठे तोती ने नहीं तो तेरा भी टेट हुआ ढाबा दूंगा तुम लोग ऐसे बाज नहीं आओगे अभी तुम्हारा इंतज़ाम करता हूं इतना कहकर तोता वहां से उड़कर जंगल में चला गया दोनों भयंकर नाग नागिन सरस जोड़े के लिए मुसीबत बने हुए थे दोनों तारा fuel से बखूबी मुकाबला कर रहे थे लेकिन ज़हरीले नाग नागिन के जहर कब है उन्हें सटा रहा था नाग नागिन का एक भी ताकत कमज़ोर पड़ रही थी अपने बच्चों को किसी भी कीमत पर बचाना है हिम्मत मत हारना हम यह लड़ाई जीत सकते हैं ऐसा लगने लगा था की नाग और नागिन दोनों मिलकर सारा संपत्ति को परास्त कर देंगे उसी समय एक और नाग ए गया उसे नई मुसीबत को देखकर सरस संपत्ति भय से कम उठे तो नाग जैसे ही सरस संपत्ति की तरफ आगे बढ़ा उसी समय इस पर बार हो गया वो घबरा गया और उसने देखा तीन नेबले वहां पहुंच गए हैं सूचना दिए जाने पर सरस का मित्र नेवला और दो साथियों को साथ लेकर वहां पहुंच चुका था उन तीनों ने नाग और नागिन पर war करना शुरू कर दिया तीनों नाग नागिन पर जैसे वज्र प्रहार होने लगा तुम लोग मेरे सीधे साधे दोस्त के बच्चों पर आक्रमण करने आए थे अपनी जान की खैर मनाओ मैं कुछ समय के लिए अपने ससुराल क्या चला गया इन थम संपत्ति और उसके बच्चे सुरक्षित थे नेला भाई बहुत बहुत धन्यवाद तुमने हमारी और बच्चों की रक्षा कर ली अरे यह दोनों मेरे प्यारे भतीजे हैं अब मैं तुम सबसे दूर कभी नहीं जाऊंगा इस तरह शेर को सवा शेर मिल गया
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