फोकस का नशा। ये वो नशा है जो अगर किसी को हो गया ना तो एक दिन उसे वो सब हासिल हो जाएगा जो उसे चाहिए। ठीक इस लड़के अरुण कुमार की तरह। दोस्तों इस लड़के के बारे में जब आप सुनोगे ना तो आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे और आप ये भी सीख जाएंगे की फोकस कैसे किया जाता है। एक 14 साल का लड़का साईकिल की दुकान पर चेन ठीक करता तो कभी पंचर ठीक करता। दो ₹2 कमाने के लिए घंटो तक उसे साईकिल के गैराज पर काम करता। किसी एक को भी 1% की भी उम्मीद नहीं थी की उस लड़के के जीवन में कभी कुछ बदलेगा सिवाय खुद उस लड़के के। हर कोई जब उस गैराज में अपनी साईकिल रिपेयर करने आता तो कई दफा उस लड़के से बड़ी बदतमीजी से पेश आया करता। उसको बच्चा समझकर कुछ हरामी लोग उसके पैसे भी काट लिया करते जिस वजह से वो मालिक की गाली खाता वो अलग से लेकिन मजबूरी थी वो दो वक्त का खाना इसलिए उसे काम तो करना ही पड़ता था। एक दिन की बात है जब लालबत्ती में कोई बहुत बड़ा अधिकारी वहां आया हुआ था। जब वो लड़का काम करता था। दरअसल वो एक स्कूल के उद्घाटन के विषय में आए थे। उस लड़के को कुछ नहीं पता था की ये अधिकारी कौन है, कहां से आए हैं, इनका क्या लेना देना है और ये क्यों आए हैं। बस एक चीज जो वो बहुत अच्छे से गौर कर रहा था वो था की लोग उसकी बड़ी इज्जत कर रहे थे। कोई उसके सामने ज्यादा बोल नहीं रहा था बल्कि सब उसको सर सर करके बात कर रहे थे। उसने अपने दिमाग में एक बात सोची की यार एक ये साहब है जिनके आने मात्र से पूरी की पूरी बस्ती ऐसे व्यवहार कर रही है जैसे ये कहीं का राजा हो और एक तरफ मैं हूँ जो इतने शांति से अपना काम करता हूँ, किसी को परेशान भी नहीं करता तब भी लोग मुझे गालियां देते हैं, चार बातें सुनाते हैं। खैर उस रात वो लड़का सो नहीं पाया। वो सारी रात बस यही सोचता रहा की मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है। मुझमे और उस आदमी में क्या फर्क है? मैं तो जबकि लोगो के काम आता हूँ और वो तो गाड़ियों में आता है। उसे अपने सवाल का जवाब नहीं मिल पा रहा था। अगले दिन जब वो गैराज पंहुचा तो अपने मालिक को पूछा की मालिक जो कल साहब आए थे लोग उसको इतनी इज्जत क्यों दे रहे थे और वो कौन साहब थे? इस पर गैराज का मालिक बोला तुझे क्या है तुझे क्या करना है? लेकिन उस लड़के के दो तीन बार पूछने पर उस मालिक ने बताया कल डीएम साहब आये थे स्कूल के उद्घाटन के लिए। इस पर उस लड़के ने फिर से जिद करके पूछा लेकिन ये डीएम कैसे बनते हैं? वो गैराज का मालिक बोला उसके लिए बहुत पढ़ना पड़ता है। बहुत विद्वान होना पड़ता है उसके लिए। बाज की नजर और ऋषि मुनियों जैसा फोकस चाहिए होता है ये बात उस लड़के के दिमाग में छप जाती है। वो लड़का शाम को घर जाता है और लगभग आधी रात तक जाग कर बस यही सोचता है की इस जिंदगी से उस जिंदगी तक का सफर वो कैसे तय करेगा। वो पैसे बचाता है और पैसे बचा बचाकर वो अपने लिए किताबे खरीदता है और किसी तरह अपनी पढ़ाई शुरू करता है। एक सरकारी स्कूल के माध्यम से वो पढ़ता और रात को काम करता। उसका लक्ष्य उसके दिमाग में एकदम साफ था की चाहे जो हो जाए दम तो बनकर रहूँगा। वो लड़का अब 21 साल का हो चुका था और पिछले सात सालों में ऐसा एक भी दिन नहीं था जिस दिन उसके दिमाग में डीएम बनने के अलावा दूसरा कुछ भी आया हो उसे बस 21 साल की उम्र तक पहुंचने का इंतजार था की वो बस अपना ग्रेजुएशन जैसे तैसे खत्म करे और एग्जाम में बैठने के लायक हो जाए। उसके पास अब एक साल बचा था तैयारी करने को। उसने इतने पैसे जुटा लिए थे की अगर अगले 6 से 8 महीने वो काम ना भी करे तब भी उसका खर्च चल जाएगा। अगले 6 से 8 महीनों के लिए वो पुरी तरह अपने डीएम बनने के सपने को दे देता है। पहला महीना वो रगड़ कर मेहनत करता है। वो खूब मेहनत करता है। दिन रात सिर्फ और सिर्फ पढ़ता रहता है। तीन और महीने बीतते हैं वो सिर्फ एक वक्त का खाना खाता और बाकायदा पूरा दिन सिर्फ और सिर्फ अपने किताबों से चिपका रहता। जैसे जैसे उसका एग्जाम नजदीक आ रहा था, उसके पढ़ने के घंटे भी बढ़ते जा रहे थे। इसी तरह। चार महीने बीत चुके हैं। तभी अचानक एक रात वो अपनी पढ़ाई खत्म करके जैसे ही चटाई बिछाकर सोने की तैयारी कर रहा होता है की उसे उसी वक्त चक्कर आ जाता है और वो गिर जाता है। अब भला उस गरीब को देखने वाला कौन होगा। इसलिए वो बेचारा खुद ही एक दो घंटे बाद जब होश में आया तब खुद को संभालते हुए उठता है और फिर जो थोड़ा खाना बचा था उसे अपने लिए परोसता है। खाने के लिए उसने अभी पहला निवाला रखा ही था की तभी उसको उल्टी हो जाती है। सारी रात वो उल्टी करता रहता है। अगली सुबह जैसे तैसे थोड़ा सो लेने के बाद जब उसकी आंख खुलती है तब उसका पेट हल्का दर्द करना शुरू करता है। वो कुछ समय के लिए इसे नजरअंदाज करता है और रोज की तरह अपना काम करता है। फ्रेश होकर पढ़ाई करने बैठता है। पेट दर्द अब भी कर ही रहा था तो वो बाहर जाकर कुछ दवाई ले आता है और कुछ खाकर पढ़ाई शुरू करता है। दिन के 6 से 7 घंटे लगातार पढ़ने के बाद अब कहीं जाकर उसको थोड़ा सा चैन मिलता है और शाम को वो थोड़ा टहलने के लिए निकल जाता है। धीरे धीरे करके वक्त गुजारा। अब बस एक महीना रह गया था एग्जाम को जिसका इंतजार इस लड़के को पिछले सात साल से था। तभी अचानक एक दिन फिर से इसका पेट दर्द करना शुरू कर देता है। इस बार इसका पेट इतना दर्द करता। है की वो अब सहने लायक नहीं था। उसे मजबूरन डॉक्टर के पास जाना ही पड़ता है। वो डॉक्टर के पास जाता। है और चेकअप के बाद उसे पता चला है की उसे किडनी स्टोन है। उसके पेट में पथरी है। ये सुनकर उसे। झटका लगता है। डॉक्टर ने कहा की या तो ऑपरेशन कर लो या फिर दवाई लो शायद गल जाए मगर ये दर्द बहुत देगा। अगर ऑपरेशन नहीं। कराया तो वो मन ही मन सोचने लगा की अब ऑपरेशन का खर्चा कहां से लाऊंगा। कुछ पैसे बचाएं हैं जो अगर इसी। में लगा दिए तो अगले एक महीने खाऊंगा क्या और एग्जाम कैसे निकालूंगा? बस इन्हीं सब बातों को दिमाग में रखकर। वो अपने घर लौटता है। वो बस भगवान से इतनी दुआ करता है की बस कम से कम एक महीने तक उसे कोई दिक्कत ना हो। ताकि वो अपनी पढ़ाई अच्छे से कर सके। लेकिन भगवान ने उसके लिए कुछ और ही सोच रखा था अब उसके साथ। थोड़ा अजीब होने लगा। रोज तो नहीं लेकिन अक्सर एक दो दिन में उसे दर्द होता ही था और ये दर्द तब ज्यादा होता जब वो। कुछ भी खाना खाता था। अब जाहिर सी बात है वो खाना कैसे छोड़ सकता है। खैर उसने पहले के मीना में जमकर। पढ़ाई की थी इसलिए अभी बस उसे रिवीजन ही करना था। वो पढ़ता रहा और पढ़ाई के साथ साथ वो उस दर्द को भी सहता रहा। लगभग सात दिन में उसकी परीक्षा थी और आखिरकार उसने अपनी सारी पढ़ाई कर ही ली थी। अब वक्त आ चुका था उसे अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी परीक्षा देने का। आखिरी दिनों में तो मकान मालिक तक ने उसे घर से निकाल दिया था क्योंकि उससे घर का किराया नहीं दिया जा रहा था। अब क्या करे बेचारा? सारे पैसे खत्म हो चुके थे तो इस बीच वो अपने एक दोस्त के घर पर रहता है। लेकिन एग्जाम से एक रात पहले अचानक बिजली चली जाती है। अब कल दोपहर को उसे परीक्षा में बैठना है। अब अगर वो आज बिना पढ़े सो गया तो हो सकता है उसके इतने सालों की मेहनत पर ये अकेला दिन भारी पड़ जाए। इसलिए वो उस रात सड़क के बीचों बीच स्ट्रीट लाइट्स की रोशनी में बैठ कर पढ़ता है। गाड़ियां एक के बाद एक गुजर रही थी लेकिन उसका फोकस सिर्फ और सिर्फ उसके किताब पर था। वो सिर्फ और सिर्फ पढ़ता रहा। नींद आ गई तो रात को फुटपाथ पर ही सो गया। अगले सुबह दोस्त के घर गया जहां वो कुछ दिनों की मोहलत मांग कर रह रहा था। फ्रेश हुआ और नाश्ता करके सीधा एग्जामिनेशन सेंटर पहुंचा। वहां स्टूडेंट्स की भीड़ देखकर उसे थोड़ी घबराहट महसूस हुई। लेकिन फाइनली वो शुभ घड़ी आ ही गई जिसका उसे सालों से इंतजार था। वो एग्जाम में बैठा। प्रीलिम्स उसका निकल चुका था और वो मेंस के पहले पेपर में बैठा था। आज पहला पेपर उसका बहुत अच्छा गया। उसे आज क्वेश्चन पेपर देखकर डर नहीं लग रहा था। दूसरे कैंडिडेट्स की तरह। बल्कि उसको तो मजा आ रहा था। वो बड़े आराम से आज अपना पहला पेपर खत्म कर लेता है और शाम को बड़े आराम से बैठकर इस बारे में सोच रहा होता है। ये सब उसके वनवास का नतीजा था। उसे बस सिर्फ दो बातों का डर था। पहला की जिस तरह आज का उसका पेपर गया उसी तरह उसके सारे पेपर्स आने चाहिए और जो उसको किडनी स्टोन की तकलीफ है उससे बस उसे कुछ दिनों की राहत मिल जाए। एटलिस्ट एग्जाम तक उसके सभी पेपर्स बहुत अच्छे जाने लगे हैं। बस एक आखरी पेपर रह गया था उसे आखरी पेपर से पहले तक उसकी सारी तैयारी हो चुकी थी और वो खुद को इस साल का डीएम बनते भी देख रहा था। लेकिन तभी बस सुबह सुबह जब वो उठता है तो उसके पेट में हल्का दर्द शुरू हो जाता है। वो हल्का गुनगुना पानी पीता है मगर इससे भी उसे कोई राहत नहीं मिलती। किसी तरह वो एग्जाम सेंटर पहुंचता है तब तक दर्द बढ़ चुका होता है। जैसे तैसे करके वो एग्जाम देता है। एग्जाम के आधे के बाद। दर्द इतना ज्यादा बढ़ चूका था की अब उससे सीधा बैठा तक नहीं जा रहा था। इनविजिलेटर भी आकर उसको पूछता है की क्या उसे कोई दिक्कत है और अगर है तो वो बाहर जा सकता है। लेकिन वो लड़का मना कर देता है। उसका ध्यान 1% दर्द पर था और बाकी 90% पेपर पर पूरे शिद्दत के साथ। वो लड़का अपना एक्जाम खत्म करता है और वहाँ से सीधा हॉस्पिटल जाकर अपना इलाज कराता है। लगभग ढाई महीने बाद फाइनली यूपीएससी इस साल अपने एस्पिरेंट्स का रिजल्ट रिलीज करती है। तो इस साल दूसरे एस्पिरेंट्स की तरह एक बार भी रिजल्ट देखते वक्त उस लड़के को किसी तरह की घबराहट नहीं होती क्योंकि उसे पता था संघर्ष और तकलीफों के पहाड़ के ऊपर पैर रखकर वो परीक्षा देने गया था। और हाँ आज उसका सपना सच हो गया। वो अब मामूली गरीब नहीं बल्कि डीएम अरुण कुमार बन गया। उसे इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। जहाँ इंटरव्यूअर को जब उसकी कहानी का पता लगता है तो वो भी हैरान हो जाते है की वाकई में किसी इंसान का फोकस इतना तगड़ा कैसे हो सकता है। उस बंदे को यूथ क्लब की तरफ से इंटरनेशनल फेस्ट में बुलाया जाता है जहाँ वो कहता है दर्द हो, तकलीफ हो या मौत आ जाए अगर फिर भी तुम्हारा ध्यान तुम्हारी मंजिल से ना हटे तो ब्रह्माण्ड खुद तुम्हें जीतता है। मैंने अपने संघर्ष के दिनों में कभी संघर्ष पर ध्यान ही नहीं दिया। मेरा ध्यान सिर्फ एक चीज पर होता था और वो थी मेरी किताबें। फोकस का नशा था मेरे अंदर। किताबों के पन्नों से कभी ध्यान हटा ही नहीं। अगर उम्र की शक्ति नहीं होती तो शायद मैं 21 की उम्र से पहले ही यूपीएससी निकाल कर दिखा देता। दोस्तों इस पूरी कहानी में अगर देखोगे ना तो सिर्फ एक चीज निकल कर सामने आएगी और वो है उस लड़के का फोकस जो इतना तगड़ा था की उसके पत्रिका पर भी उसका फोकस नहीं तोड़ पाया। मकान मालिक ने घर से भगा दिया लेकिन सड़कों की गलियों तक ने उसका ध्यान नहीं तोड़ा। उसको फोकस का नशा लग गया था और जब ये नशा किसी को लगता है ना तो वो चट्टानों को भी अपने सामने झुकाने की ताकत रखता है। दोस्तों उसके पास तो कुछ नहीं था, ना घर, ना परिवार, ना पैसे, ना सुविधाएं लेकिन फिर भी उसका ध्यान अपने लक्ष्य से हटा नहीं। टूटा नहीं। तुम्हारे पास तो सब कुछ है। साला ध्यान इतना तगड़ा होना चाहिए की सामने बवंडर की लहर भी निकल जाए। लेकिन जिस भी चीज पर ध्यान हो ना उससे हटना नहीं चाहिए। अगर ऐसा फोकस का नशा आपको भी चढ़ा रहा तो फिर किसी का बाप भी आपको कामयाब होने से नहीं रोक पाएगा। दोस्तों अगर वीडियो अच्छा लगा इससे आपको कुछ सीखने को मिला तो इसे एक लाइक करना और अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करना। बाकी फिर मिलते हैं इसी तरह के एक और बावल वीडियो के साथ। जय हिंद। जय श्री कृष्णा।
https://youtu.be/T6LVU9OGiTQ?si=HrddWxCWkzcKSewE
https://youtu.be/xYblVX8KBGc?si=p3RL6wP8i2lOSIdi
https://youtu.be/T6LVU9OGiTQ?si=Ry1r5TvL3yYoQrjT
https://youtu.be/hnatYfpcJfM?si=EnnHL2GIMNU_Bx8B
https://youtu.be/Zu5d9PrgAxk?si=quBYIW9C3zMVHw9n
इस वीडियो में बात करेंगे उन सात दुश्मनों के बारे में जो हमेशा तुम्हें बर्बाद होता हुआ देखना चाहते हैं जो कभी नहीं चाहते कि जिंदगी में तुम्हें थोड़ी सी भी सफलता हासिल हो पाए थोड़ा सा भी तुम नाम कमा पाओ थोड़े से भी तुम पैसे कमा पाओ इन सात दुश्मनों को समय रहते जितना जल्दी कुचल दोगे ना उतना ही एक्स्ट्रा टाइम आपको मिल जाएगा अपने सपनों को जीने का वीडियो को लास्ट तक जरूर देखना सीधी बात नो बकवास
दुश्मन नंबर एक है आपका जो आपको बर्बाद करना चाहता है और वो है सेल्फ डाउट यह सेल्फ डाउट आपका सबसे पहला दुश्मन है भाई जब तू खुद पर विश्वास नहीं करता ना तो दुनिया तेरे पर क्या विश्वास करेगी और क्या मैं यह कर सकता हूं यह वाला जो डाउट है वो तेरे टारगेट को तेरे सपने को शुरू होने से पहले ही खत्म कर देता है क्योंकि इसमें तो तू अपने टारगेट के लिए मेहनत शुरू भी नहीं कर पाया तो खुद पर डाउट करना बंद कर खुद पर इतना विश्वास रख कि जो तूने खुद के लिए सोचा है उसे तू कैसे भी हालात में पूरा कर सकता है बस तुझे होप नहीं छोड़नी है तुझे गिव अप नहीं करना है लगातार खुद को नेक्स्ट लेवल स्ट्रगल के लिए तैयार करना है बिकॉज यू आर द बेस्ट एंड ओनली यू कैन डू इट खुद पर शक करना बंद कर खुद के लिए इंस्पिरेशन बनना शुरू कर तेरा टारगेट तेरा जुनून तेरा ड्राइविंग फोर्स होना चाहिए अपनी कैपेबिलिटीज पर भरोसा रख और मेहनत करते रह
दुश्मन नंबर दो जो तुझे बर्बाद करना चाहता है वो है तेरा खुद का मन तेरा कंफर्ट जोन जिसका तू गुलाम है क्योंकि वो मनमौजी है तू गुलाम बन चुका है अपने मन का मन कहता है आराम कर ले तो तू आराम करने लग जाता है मन कहता है कि वेब सीरीज देख ले रिल्स स्क्रॉल कर ले तब तू आराम से मोबाइल पर टाइम वेस्ट करता है क्योंकि तूने अपने मन की गुलामी करके खुद को एकदम कंफर्ट जोन में डाल दिया है और तुझे कंफर्ट जोन की इतनी आदत हो गई है कि अब तू मेहनत करने से या कुछ भी नया करने से डरता है तू चाह कर के भी वो नहीं कर पा रहा जिसके लिए तू यहां पे आया है जिस काम को करने की तूने सोची है जो टारगेट लेकर तू बैठा है उस टारगेट का टी भी नहीं है तेरे पास तू अपने टारगेट से इतना दूर जा चुका है कि अगर तू आज से शुरू करेगा तो तुझे एक महीना तो ये सोचने में लग जाएगा कि यार करना क्या था असली में क्यों आया था मैं यहां पे क्योंकि भाई तू भूल चुका है एकदम तू एक अलग ही दुनिया में रह रहा है जहां सिर्फ तुझे आराम टाइम वेस्ट चाहिए और कंफर्ट जोन चाहिए मजे कर रहा है तू लेकिन तुझे अभी यह अंदाजा नहीं है कि तू जितना ज्यादा मजे में जीवन काट रहा है ना उतना ही यह समय तेरी वाट लगाने वाला है तू अभी कितने भी मजे कर ले तेरा टारगेट पूरा करने के लिए समय कभी नहीं रुकने वाला समय तुझे कभी नहीं याद दिलाएगा कि भाई तू किसी और काम के लिए यहां पे आया था और कर कुछ और रहा है ये तुझे खुद को ही याद रखना पड़ेगा तो असल में तेरा सबसे बड़ा दुश्मन तू खुद है तेरा चालाक मन है जिसके चलाए तू चलता है जबकि तेरे मन को तुझे चलाना चाहिए कि आज का ये टारगेट है और तुझे यह करना है बहुत सो लिया आराम कर लिया काम पे लग जा अब लेकिन तू ऐसा नहीं कर रहा है क्योंकि तेरे मन को आराम चाहिए वो क्यों करना चाहेगा मेहनत उसे तो बिना मेहनत किए सब कुछ चाहिए ना 100 दुश्मन मिलकर तेरा जितना नुकसान करेंगे ना उससे ज्यादा तू अकेले खुद का नुकसान कर रहा है और टाइम वेस्ट करते-करते मजे लेते रहते तेरा मन तेरी आत्मा तेरा शरीर सब इतने कंफर्ट जोन में जा चुके हैं ना कि अगर तू अपने मन को अब कोई नया काम देगा या कोई नया चैलेंज भी देता है ना तो तुरंत तेरे मन में सवाल आ जाता है कि क्या मैं ये कर पाऊंगा
दुश्मन नंबर तीन जो तुझे बर्बाद होता हुआ देखना चाहता है वो है तेरा लेजी होना टाल मटोल करना कि यार आज नहीं कल करूंगा आज मैं थोड़ा सो लेता हूं कल से पढ़ लूंगा आज मैं मजे कर लेता हूं दोस्तों के साथ कल से पक्का आठ घंटे पढ़ाई करूंगा और ये तुम्हारा टालमटोल कल पर टालने की आदत ये तुम्हें अपने टारगेट के आसपास भी नहीं भटकने देंगे क्योंकि एक बार अगर तुझे ये आदत लग गई ना तो तेरा कल क भी नहीं आएगा तू आज सोचेगा कि कल करूंगा और कल सुबह उठकर वैसे ही टाइम वेस्ट करेगा जैसा तू महीनों से करता आ रहा है क्योंकि तेरी कंफर्ट जोन में रहने की आदत पड़ चुकी है तू डरता है अब मेहनत करने से बस तुझे आज यह समझ में नहीं आ रहा कि तेरे सपने तेरी अपनी मेहनत के बिना पूरे नहीं हो सकते लेकिन एक बार अगर समय निकल गया ना तेरे हाथ से तब तू चाह करके भी मेहनत नहीं कर पाएगा ना अपने जीवन को सही डायरेक्शन दे पाएगा क्योंकि तब तेरे ऊपर इतना ज्यादा बोझ आ चुका होगा ना कि हर तरफ से तेरे ऊपर प्रेशर होगा तब तू सोचेगा कि यार ये मैंने क्या कर दिया अब तो मेरे पास टाइम भी नहीं कुछ करने को काश मैंने उस वक्त टाइम वेस्ट नहीं किया होता तो भाई ये लजीनेस छोड़ टाल मटोल करना छोड़ दे और आज का टारगेट आज ही पूरा कर अगर आज के बनाए गए टारगेट में तेरा थोड़ा सा भी बाकी रहता है ना तो तुझे रात को नींद नहीं आनी चाहिए क्योंकि आज का टारगेट पूरा नहीं कर पाया तुझे कम से कम इतनी टेंशन होनी चाहिए
दुश्मन नंबर पांच जो तुझे बर्बाद करना चाहता है तुम्हारे असफल होने का डर भाई तू डरता है कि तू कहीं फेल ना हो जाए लेकिन तू क्यों डर रहा है तूने तो शुरू ही नहीं किया नाना अभी तक और अगर तेरे में हिम्मत है कि तू कुछ शुरू कर सकता है तेरे बना के टारगेट के लिए तू मेहनत कर सकता है तो फिर फेल होने से क्यों डर रहा है क्योंकि जब तू मेहनत करेगा तभी तो तुझे पता चलेगा ना कि कहां और कितनी मेहनत की जरूरत है कहां तू गलत कर रहा है और मान ले अगर तू फेल हो भी गया तो तेरा कुछ कम थोड़े हो जाएगा पिछले साल तो तूने वैसे भी मजे में वेस्ट किया है ना तो अगर तूने एक साल मेहनत कर ली और तुझे वो रिजल्ट नहीं मिला जो तुझे चाहिए था तो तू ये क्यों सोचता है कि तेरा साल खराब हो गया भाई उस साल में तूने बहुत कुछ सीखा है और अगर फेल हो गया ना तो ये समझ कि मैं 90 पर अचीव कर चुका था और 10 पर की कमी रही थी इसलिए मुझे उस 10 पर पे फोकस करना है अब वो 10 पर चाहे तेरी गलतियां हो तेरा डिसिप्लिन हो या फिर टाइम मैनेजमेंट हो तो भाई फेल होने से डर मत क्योंकि फेलर तुझे जितना सिखा सकता है ना उतना तुझे सक्सेस कभी नहीं सिखा सकती बस तुझे सीखते रहना है और आगे बढ़ते रहना है छोड़ना नहीं है रुकना नहीं है फेल होने का डर तू दिमाग से एकदम बाहर निकाल दे लगातार मेहनत करेगा ना तो सफलता आज नहीं तो कल मिल ही जाएगी लेकिन अगर असफल होने के डर से तू रुक गया तूने मेहनत ही नहीं की तूने शुरू ही नहीं किया तो तेरे पास ना तो एक्सपीरियंस होगा ना ही तू कुछ कु नया सीख पाएगा और ना तेरे पास यह कहने को होगा कि यार मैंने मेहनत तो करी थी तेरा पांचवा दुश्मन है जो तुझे बर्बाद करना चाहता है और वो है तेरा खराब टाइम मैनेजमेंट तू कहता रहता है ना कि तेरे पास में टाइम नहीं है कुछ करने को मुझे तो भाई टाइम ही नहीं मिल रहा तो भाई टाइम सबके पास बराबर है एक दिन में सभी को वही 24 घंटे हैं उतने ही सेकंड है उतने ही मिनट्स है बस फर्क ये है कि तू उन 24 घंटों को कैसे मैनेज करता है कैसे उनको काम में लेता है क्योंकि ये तेरा अपना खुद का डिसिप्लिन है और ये बताने वाला तुझे कोई बाहर से नहीं आएगा कि तू तेरा टाइम सही तरीके से इस्तेमाल कर रहा है कि नहीं कर रहा यह तुझे खुद को पता चलना चाहिए कि टाइम आखिर जा कहां रहा है सोशल मीडिया प जा रहा है दोस्तों के साथ जा रहा है या फिर सोने में जा रहा है और ऐसा कौन सा पहाड़ तोड़ रहा है तू जो तेरे पास अपने लिए ही अपने टारगेट के लिए टाइम नहीं बच रहा और तू क्या आगे बढ़ेगा जब तू अपने 24 घंटे मैनेज नहीं कर पा रहा तू खुद के लिए अगर एक-एक सेकंड का इस्तेमाल करना नहीं सीख पा रहा ना तो तू फिर क्या मेहनत करेगा क्या सक्सेसफुल इंसान बन पाएगा तो अभी तेरे पास समय है उसका सही से यूज करना सीख पेन पेपर लेकर बैठ कि तेरा एक-एक घंटा भाई कहां वेस्ट हो रहा है उसे सही ढंग से मैनेज कर समय को सही जगह पर इन्वेस्ट करना सीख जब तक तुम अपने समय को सही तरीके से यूज करना नहीं सीखो ग ना तब तक तुम अपनी लाइफ में कोई भी काम सही से नहीं कर पाओगे द टाइम फॉर एक्शन इज नाउ इट्स नेवर टू लेट टू डू समथिंग
दुश्मन नंबर छह जो तुम्हें बर्बाद करना चाहता है वो है तुम्हारी खुद की नेगेटिव थॉट्स तू अपने लिए इतनी नेगेटिव सोचता है ना कि तू कुछ पॉजिटिव कर ही नहीं पा रहा है तू उस जोन में जा ही नहीं पा रहा है जहां तुझे खुद को यह कहना है कि भाई तू यह कर सकता है तू उस जोन में बैठा हुआ है जहां तू बार-बार खुद को यह कहता है कि यार मुझसे नहीं होगा मैं कैसे कर सकता हूं इतना बड़ा काम तू खुद ही खुद को नीचे गिरा रहा है खुद ही खुद को डेमोरलाइज कर रहा है खुद को इतना डिमोटिवेट कर लिया है कि तू अब शुरू भी नहीं कर पा रहा है और कहते हैं ना कि जैसे अपने विचार होते हैं वैसे ही अपना रूटीन बन जाता है क्योंकि अपने आसपास की वैसे ही एनर्जी और वैसे ही वाइब्रेशन क्रिएट होते हैं तो तू जितना खुद के लिए नेगेटिव सोचता है तेरे आसपास का माहौल वैसे ही तैयार होता जाता है तेरे साथ कुछ भी सही नहीं हो रहा है क्योंकि तू सही सोच ही नहीं रहा भाई तो इस नेगेटिव थॉट से बाहर निकल उठ और लग जा काम पे कोई नहीं आएगा तुझे दूसरा बताने वाला और तुझे समझाने वाला और तेरा काम करने वाला तेरा टारगेट है तेरी मेहनत है तुझे करना पड़ेगा तेरी अपनी लड़ाई है तुझे ही लड़नी पड़ेगी और अगर एक बार में नहीं हो रहा ना तो दोबारा करके देख ले कौन सा जीवन खत्म हो रहा है और दोबारा कोशिश कर भी लेगा तो कौन सा जीवन खत्म हो जाएगा तू करके तो देख ले एक बार फिर से क्या पता यह वाली कोशिश तेरी आखिरी कोशिश हो और तेरी सफलता इसी कोशिश के बाद लिखी हो असली मजा तो तब है ना गिर कर के उठा जाए पूरी दुनिया को दिखाया जाए कि तू हार मानने वालों में से नहीं है तू मुकाबला करने वालों में से है जीतने वालों में से है
दुश्मन नंबर सात तेरा सातवां दुश्मन जो तुझे बर्बाद करना चाहता है वो है कंपैरिजन तुलना करना तू हर चीज में लोगों के साथ खुद को कंपेयर कर रहा है उसके साथ तो यह हो गया मेरे साथ क्यों नहीं हुआ मेरे साथ तो यह हो गया उसके साथ क्यों नहीं हुआ वो सफल हो गया मैं क्यों नहीं हुआ उसे वो सब मिल गया मुझे क्यों नहीं मिला वो तो मेरी जितनी मेहनत भी नहीं कर रहा था तो फिर उसके मेरे से ज्यादा मार्क्स आ गए उसने मेरे से ज्यादा पैसे कमा लि भाई तू कंपैरिजन करने के लिए आया क्या यहां पे तेरा कंपैरिजन सिर्फ तेरे खुद के यस्टरडे से होना चाहिए कि तू कल क्या था और तू आज क्या है और तू कल क्या बनना चाहता है तुझे सिर्फ तेरे बीते हुए कल से बेहतर बनना है और किसी से खुद को कंपेयर करने की जरूरत नहीं है तुझे सबका स्ट्रगल सबकी कैपेसिटी सबकी किस्मत और सबकी परिस्थितियां अलग-अलग होती है तेरा दिमाग तेरी लाइफ तेरा टारगेट तेरा जीवन यह सब अलग है तो कंपैरिजन करना बंद कर दे दूसरों की सफलता से क्यों जल रहा है तू अगर तेरे में दम है तेरी औकात है ना तो तू जलाना दूसरों को अपनी सफलता से तू उनको दिखा कि तू क्या कर सकता है ऐसे कंपेयर करके जल के मन को छ छोटा करके तू क्या कर लेगा वो तो फिर भी निकल ही जाएंगे ना इतनी देर में आगे और तू वहीं का वहीं रह जाएगा तू सोचता है कि आधी अधूरी मेहनत करके तू सफल हो जाएगा जब तक तू अपनी मेहनत का 100% अपने टारगेट को नहीं देगा ना तब तक तू भूल जा कि तू कभी सफल होगा आधे अधूरे प्रयास से कभी सफलता नहीं मिलती सफलता उन्हीं को मिलती है जो पूरी मेहनत पूरे समर्पण पूरे डिसिप्लिन के साथ में मेहनत करते हैं क्योंकि उन्हें पता होता है कि अगर वो थोड़े से भी चूक गए तो अपनी मंजिल से कोसों दूर हो जाएंगे इसलिए सेल्फ एनालिसिस कर तुझे अगर कंपैरिजन ही करना है तो तो तू इस बात से करना कि मैंने पिछले साल यह गलती की थी और अब मैं इस साल यह गलती नहीं करूंगा मेरी खुद की गलतियों से सीखू उन पर मेहनत करूंगा कुछ कमी रह गई है तो उनको पूरी करूंगा और बहुत कुछ बड़ा करके दिखाऊंगा बस ये कंपैरिजन होना चाहिए खुद का दुश्मन बनना बंद कर किसी से भी खुद को कंपेयर मत कर बस ये याद रख कि कल तूने क्या गलती की थी उस पर फोकस रख गलती क्यों हुई इस बात को टाइम दे उससे सीख उसको दोहरा मत और उसमें सुधार कर और आगे बढ़ जा लोगों की भीड़ में शामिल मत हो दुनिया से आगे निकलना है ना तो दुनिया से अलग ही करना पड़ेगा बेटे बिठाए कुछ नहीं होने वाला इसलिए जो तूने अपने अंदर ये सात दुश्मन पाल रखे हैं इनको बाहर निकाल के फेंक दे क्योंकि जब तक तेरे अंदर तेरा खुद का दुश्मन बैठा हुआ है तब तक तू आगे नहीं बढ़ सकता और अगर तू ये वीडियो देख रहा है ना सुन रहा है तो तुझे ये तो समझ में आ गया होगा कि ये सब तेरे साथ में क्यों हो रहा है क्योंकि तू भी अपने इन सारे दुश्मनों का शिकार है मतलब तेरे सबसे बड़े दुश्मन कोई भी भारी लोग नहीं है तू खुद ही है तेरे विनाश का कारण तो इनसे लड़ इनको हरा इनसे जीत क्योंकि जब तू अपने खुद के अंदर के दुश्मनों से जीत लेगा ना तब तेरी सफलता में कोई बाधा नहीं आएगी और फिर देखना देश में तू अपना ही नहीं बल्कि दुनिया में देश का नाम रोशन करके दिखाएगा क्योंकि जिसने अपने मन को जीत लिया समझो उसने जग को जीत लिया तो तुझे अपनी जीत फिक्स करनी है तो तू सबसे पहले अपने अंदर के दुश्मनों से जीत के दिखा फिर तुझे कोई नहीं रोक सकता जय हिंद वंदे मातरम जीत फिक्स
https://youtu.be/Rac9uk9cA3s?si=L22_Q5ujkz7rcoBy
https://youtu.be/c6iV2hRegjw?si=9KO1UkrbwV1cDsQ_
https://youtu.be/-eAO_vrb8Bo?si=CR2RSZOgWn40h--p
https://youtu.be/8PIAmpOVGYM?si=kgA_Q49Et0o4ZDzh
यह बड़ी-बड़ी मुश्किलें केवल आंखों का धोखा है सही बताऊं तो जिसको सब मुश्किलें कहते हैं वही खुद को बुलंदियों पे ले जान का एकमात्र मौका है तू करना तो चाहता है लेकिन तुझे है नहीं पता की इसे शुरू कहां से कैसे और कब किया जाए कैसे इतनी हिम्मत जुटा जाए की तू उसे कम को शुरू कर दे तू उसे कम को शुरू करते हैं जिसको तू कितने दोनों से सोचता रहा है की अब करूं अब करूं अब करूं और इसी आम प्रॉब्लम से तेरे दिन महीने साल बिना कुछ किया निकलते जा रहे हैं तू सोचता भी नहीं है की मैं ऐसे क्यों बैठा हूं कुछ भी नहीं कर रहा लेकिन फिर भी तू शुरू नहीं कर का रहा और जब तक तू शुरू नहीं करेगा भाई उसके बिना तू उसको कंप्लीट कैसे करेगा शुरू तो कर तू अच्छा चलिए बता तू करता क्यों नहीं है क्या यह सोच रहा है की भगवान कोई चमत्कार करेंगे या यह सोच रहा है की किस्मत अपने आप बादल जाएगी जो तुझे चाहिए वो अपने आप जोली में ए जाएगा तूने ऐसा सोच कैसे लिया बिना बिना फिंगर को घीसा है तो तू अपने मोबाइल को भी नहीं चला सकता तो फिर बिना कुछ किया तेरी लाइफ ने की कैसे सोच रहा है अब्दुल कलाम ने कहा था की सपनों को सच करने से पहले सपनों को ध्यान से देखना होता है सपना तुमने भी देखा होगा सोचा होगा ना तो ये बता तेरी लाइफ का मोटिव क्या है क्या सोचा है तूने अपने बड़े में की मैं ये करूंगा ये बनेगा बड़ा होकर मैं ऐसा बन्ना चाहता हूं आज मैं यह करना चाहता हूं कुछ तो सोचा होगा ना अब तू रहेगा की हां मैंने सोचा है और मुझे पता है की मेरा मोटिव क्या है मुझे ये बन्ना है लेकिन मेरे से कुछ शुरू नहीं हो रहा अब ये बता की तूने कभी जो चाहा है उसे शुरू करने का ट्राई किया है या बस केवल सोचा ही है मुझे लगता है की तुमने ट्राई नहीं किया हो क्योंकि अगर तू एटलिस्ट एक पार्ट ट्राई करता ना तो तू शुरू भी कर सकता हो सकता है तुझे वो कम नहीं आता तो ये कौन सी बड़ी बात है अब सब कुछ तो मां के पेट से नहीं सिख के आने वाला था ना उसे करने की कोशिश करेगा तभी सिख पाएगा उसका हमको और तू तो कोशिश ही नहीं करना चाहता पहले ही हर मां ली ये तो गलत बात है ना तू शुरू करेगा अपने सपनों को थोड़ा वक्त देगा तब पता चलेगा ना की इसमें प्रॉब्लम्स कहां ए रही है सीखने की कहां-कहां जरूर है कहां कितना रिस्क है किस रास्ते पर चल रहा है कितने प्रॉब्लम बताने वाले हैं इसके लिए तुझे शुरू तो करना पड़ेगा ना अब यह बता की जो तू करना चाहता है वो तेरा खुद का फैसला है तू अपनी खुशी से कर रहा है तू मां से चाहता है ना की तुझे तू करना तो कुछ और चाहता है और कोई और तुझे कुछ अलग करवा रहा है क्योंकि अगर ऐसा है तो तुझे उसे कम को करने में जोर ए सकता और अगर तू अपने ही लिए डिसीजन को शुरू नहीं कर का रहा है तो शुरू करने से पहले उसे कम के लिए अपने मां में थोड़ी सी इज्जत जल थोड़ी सी रिस्पेक्ट करो उसे कम की अपने मां को तैयार कर की तू उसे कम से प्यार करता है तेरा दिल है उसे कम को करने का क्योंकि तुम मां से दिल से लगन से किसी कम को करता है तो वो जल्दी होगा और उसके रिजल्ट भी जल्दी आए तुझे उसे कम को करने में मजा आना चाहिए क्योंकि जब तू खुद इंटरेस्ट लगा ना उसे कम में तभी अपना 100% तू दे पे इसलिए अपने मां को तैयार कर खुद से का की हां ये मैं करना चाहता हूं इसलिए मैं यह कर रहा हूं आई लव आईटी आई लव मी जोक मी क मी पैशन आई लव मी ड्रीम थॉट्स वही आई एम वर्किंग पर आईटी महान कार्य को करने का यही तरीका है की तू उसे पसंद करें जो तू करना चाहता है बेमन से किया हुआ कम कभी बड़ा नहीं होता जो हम खुशी से सीखने हैं ना उसे हम कभी नहीं भूलते इसलिए अपने फसलों को लेकर खुश रहे उन पर कम कर फिर तो शुरू भी कर और बेहतर रिजल्ट के साथ उसको पूरा भी कर पाएगा और अब जब तुझे पता है की तुझे करना क्या है लाइफ में तो फिर इंतजार किसका कर रहा है मेरे गुरु शुरू तो करना करना शुरू कहानी तो सही समय का इंतजार तो नहीं कर रहा क्योंकि सही समय तो कभी नहीं आता समय को सही बनाना पड़ता है उसे पर कम करके वेस्ट करके नहीं इंतजार करना बैंड कर समय हमेशा तेरे साथ वो बड़ा है या अच्छा है ये तेरे कर्म ते करते हैं ये सोचा तूने कभी की किसी भी कम को शुरू करके तेरा क्या नुकसान हो सकता है अगर तूने शुरू किया और तुझे वो नहीं आया और अगर ए भी गया तो हो सकता है तू फेल हो गया फेल ही तो हुआ ना यार जितने दिन तूने उसे पर कम किया उसमें तूने कुछ कमाया तो नहीं होगा ना क्योंकि टाइम तो तू वैसे भी कुछ नहीं करके वेस्ट ही कर रहा था शायद अब कुछ ट्राई करके तूने कुछ नहीं आई शिखा होगा ज्यादा से ज्यादा क्या होगा तू फेल हो जाएगा लोग तेरी मजाक बनाएंगे जहां भी जाएगा लोग हसेंगे हंसने दे यार जब वो लोग तेरे पर हंसने का कम इतने रेडीगेशन से कर रहे हैं तो तू अपना कम खुद के लिए क्यों नहीं अच्छे से कर रहा है याद रख जिस-जिस पर ये जग हंस है ना इस ने इस ने इतिहास रचाई तू भी अपने कम को पुरी शिद्दत से करो असफल होने से मत फेल सोना भी फर्स्ट अटेंप्ट इन लर्निंग फर्स्ट अटेंप्ट इन लर्निंग और तुझे वो अटेंप्ट लेना चाहिए बिना डेयर और जो तू ये बहाने कर रहा है ना आज नहीं कल करूंगा बहुत टाइम पड़ा यार कर लूंगा आज भी क्या जरूरी है ये भी यूनिवर्सल प्रॉब्लम है प्रोक्रेस्टिनेशन तेरे में भी है बहुत सारे लोगों में कोई बात नहीं लेकिन इस आदत पे अगर तू जीत हासिल कर लगा और कर ही लगा तभी तू वाकई लोगों से कुछ अलग कर पाएगा मिसल बने के लिए अपना रास्ता खुद बनाना पड़ता है तो शुरू कर अपने कम के लिए तुझे जो बेस्ट ऑप्शन ग रहा है ना वो रास्ता अपना मेहनत कर एक स्टेप चलेगा ना तो अगले स्टेप का रास्ता अपने आप दिखे सफलता एक दिन नहीं मिलती मीना सालों के मेहनत लगती है इसलिए यह सोचकर की मैंने दो-तीन दिन कोशिश कारी कुछ नहीं हुआ इसलिए मैंने कम को छोड़ दिया और यही तो तूने गलती कारी एक बार जी कम को करने की थान लेना ये मुझे ये कम करना है तो फिर अपने कमिटमेंट को कभी मत छोड़ हो सकता है थोड़ा वक्त तोड़ ग जाए लेकिन उसको फिनिश करो यदि मंजिल ना मिले तो रास्ता बादल तरीका बादल इरादा मत बताओ कमेंट पर बने रहने के लिए तुझे क्या करना है ये मैं बताता हूं खुद से सवाल पूछूं भाई क्यों इसके लिए तुझे ये पता करना है की तू खुद से बहाने क्यों करता है क्यों किसी कम को इनीशिएट नहीं कर का रहा इसके लिए तुझे खुद से तब तक रिपीटेडली एक सवाल पूछना है जब तक तुझे तेरी प्रॉब्लम का पता ना चल जाए जैसे तू ये बहानेबाजी क्यों कर रहा है अपने हर कम को कल पर क्यों छोड़ रहा है क्यों उसे कम को करने से दूर राहत है जब तुझे खुद से जवाब मिलेगा ना की मैं इस कम को 100% परफेक्शन के साथ करना चाहता हूं इसलिए मुझे डर लगता है मैं डरता हूं लोग क्या कहेंगे अगर मैं फेल हो गया इसीलिए नहीं कर पता अब मेरी सुन तुझे 100% परफेक्शन चाहिए ना एक तरफ तो तू कुछ करना नहीं छह रहा तुझे शुरू करने में इतना डर ग रहा है दूसरी तरफ तुझे 100% सिक्योरिटी चाहिए इंश्योरेंस चाहिए वारंटी चाहिए भाई 100% सही बहुत कम चीज होगी नथिंग इस परफेक्ट नथिंग इस परफेक्ट हम जो सोचते हैं उसका 60% भी अगर सही या कंप्लीट हो जाए ना तो वो अपने हिसाब से परफेक्ट मां लेना बाकी बचाओ बचाओ परफेक्शन प्रैक्टिस से आएगा यार जरूरी है क्या की एक ही दिन में 100% परफेक्ट बन्ना है प्रैक्टिस करो उसे पे कम करो लगातार करते रहो धीरे-धीरे समझ अच्छी होती जाएगी पकड़ अच्छी होती जाएगी तभी तो रिजल्ट बन्ना शुरू होंगे और इसका मतलब ये तो नहीं है ना की बस शुरू ही नहीं करना चाहिए आज शुरू किया और हमें आज 100% चाहिए ऐसा नहीं होता मेरे भाई इन रियल देवर इस नो परफेक्शन यू आर नोट एन मशीन यू आर ह्यूमन बीइंग सो डोंट ट्री तू बी परफेक्ट जस्ट स्टार्ट विद इन परफेक्शन और लर्न तू अपना इरादा कमिटमेंट खुद से प्रॉमिस हंड्रेड परसेंट वाला रखना यार 100% रिजल्ट की क्यों सोचता है 100% वाली मेहनत कर जिसने भी खुद को खर्च किया है दुनिया ने इस को गूगल पर सर्च किया सवाल नंबर दो अपने आप से पूछ हो कैसे अब शुरू क्यों करना है ये तो आपने सिख लिया लेकिन शुरू कैसे करें इसके लिए जब तू सुबह उठे ना तो सबसे पहले तुझे डिसाइड करना है की आज मुझे क्या करना है लिस्ट बनाने के लिए नहीं बोल रहा लेकिन अपने मां में डिसाइड करके भाई मुझे यह कम करना आज मेरी प्रीति नंबर वन है ये प्रायोरिटी नंबर है ये मुझे सबसे पहले क्या करना उसके बाद में क्या करना है और खुद से ये प्रॉमिस कर की लिस्ट में जो आज के लिए लिखा हुआ है वो मुझे किसी भी हालात में आज ही पूरा करना है बस था से जी से तेरी ना आज का कम आज करने की आदत बन जाएगी अपनी टू-टू लिस्ट लेकर के आज मेरे को ये कम करना है खुद को मोटिवेट कर की ये लिस्ट तूने अपनी कैपेबिलिटी तो देख के बनाई थी ना जब बना रहा था तब क्या सोच रहा था की करना है कम तो करना अपने लिए बनाई तो अपने कम के लिए ऑनेस्ट नहीं र रहा तो वो कम कंप्लीट नहीं हो इसलिए अपनी डेली वाली लिस्ट को प्रैक्टिकल बनाना है जितना तू कर सकता है उतना ही उसमें लिखना ओवर कॉन्फिडेंस अपने की जरूर नहीं है जब वो कंप्लीट हो जाए तो फिर अगले दिन सोचना की हायर थोड़ा सा कम बड़ा देता हूं अगला पॉइंट है जब हम किसी प्रेशर में होते हैं ना तब हम प्रोडक्टिव परफॉर्मेंस देते हैं राइट जैसे एग्जाम में ले लो जैसे मां लो कल ही अपने को असाइनमेंट जमा करना है तो रात भर करेंगे परफॉर्मेंस अपने आप अप हो जाएगी सुबह जमा कर डॉग रजिस्ट्रेशन साल भर में मुश्किल से याद क्यों हुई यूनिट्स एग्जाम से 10 दिन पहले ना क्विकली याद हो जाति है क्यों क्योंकि एग्जाम का प्रेशर इसलिए अपनी लाइफ का तू ऐसा गोल सेट करके तेरे पर एटलिस्ट इतना प्रेशर रहेगी तो लगातार कम कर तुझे ये पता होना चाहिए की तेरे लाइफ में तुझे ये करना है तुझे ये चाहता है ये तू चाहता है ये तूने फिक्स किया है ऐसे सोच की तेरी लास्ट के एग्जाम कल ही है उसके हिसाब से आज मेहनत कारी इतना प्रेशर तुझे खुद पर रखना पड़ेगा और जब इतना प्रेशर तो खुद रखेगा ना अपने ऊपर तो तुझे बहाने बनाने की जरूर नहीं पड़ेगी कल कर लूंगा या बाद में करूंगा ऐसे बहाने वो लोग बनाते हैं जिनका कोई गोल नहीं हो उन्हें पता ही नहीं होता की उन्हें करना क्या सबसे इंपॉर्टेंट बात तो ये है की कभी तुम्हें ही वो पहले इंसान बन्ना है जो तुमसे सबसे पहले सवाल पूछेगा जब भी तुझे लगे ना की तू कुछ नहीं कर रहा है या जितना करना चाहिए उतना नहीं कर रहा है वो खुद से सवाल पूछ की क्यों भाई मैं क्यों नहीं कर रहा तेरा मां तेरे को 100 रीजन देगा की तू इस कम को मत कर मत कर लेकिन अगर तेरे पास में एक भी स्ट्रांग रीजन तो दोस्त कम को कंटिन्यू कर सकता है उसे रीजन को याद रखो उसे भूल मत बहाने बनाने वाले कल पर अपने कम को तलने वाले 99% लोग हैं और ऐसे ही आज और अभी करने वाले लोग ओन्ली वन परसेंट अब तुझे ये डिसाइड करना है 99 की तरफ भीड़ में फंसा रहा है या फिर 1% बैंक आज अपना कम कर क्योंकि अगर तू 1% में जाता है तो तू कुछ क्रिएटिव करने वाला है तू कुछ बड़ा करने वाला है जिसे दुनिया जान की क्योंकि तू कुछ अलग हटकर सोच रहा है अलग हटकर करने की कोशिश कर रहा है तेरा कम क्या है मेहनत करना तो मेहनत करना और फिर 99% को पीछे छोड़कर के 1% में आकर के दिखा और ये सब करने के लिए तुझे शुरू करना पड़ेगा तुझे खुद को ड्राइविंग फोर्स देना पड़ेगा यार चल इस कम को तुझे ही करना है डर इस नो वन एल्स बिल डू दिस क पुरी खुद को पुष्कर की हां मैं आज और अभी इस कम को शुरू कर रहा हूं कब तक बहाने बनाएगी यार चल उठ और ग जा कम पर तू किसी से कम नहीं है तू जो सोच सकता है ना वो डेफिनेटली कर सकता है यू आर डी बेस्ट और यू हैव तू विकम डी बेस्ट वर्जन ऑफ योरसेल्फ उम्मीद करता हूं की तू जो चाहता है ना वो देश में नहीं बल्कि दुनिया में भी करके दिखाएगा और अपनी मेहनत से दम पर देश में अपना ही नहीं बल्कि दुनिया में देश का नाम रोशन करेगा जय हिंद वंदे मातरम
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